Satire आजमगढ़ के लाल ने किया कमाल, एक ही दिन में कर दिया 1200 पड़ताल।

Satire आजमगढ़ के लाल ने किया कमाल, एक ही दिन में कर दिया 1200 पड़ताल।

अभी 50 से 100 गाटा प्रतिदिन एग्रिस्टेक सर्वे करने वाले आम लेखपाल 500 से 700 गाटा प्रतिदिन पड़ताल करने वाले पड़ताल वीरों के झटके से उबरे भी नहीं थे कि आजमगढ़ के लाल लेखपाल कमलेश यादव ने तहसील निजामाबाद के राजस्व ग्राम फरिहा में एक ही दिन में 1201 गाटा सर्वे कर आम लेखपालों को सदमे में डाल दिया।

आम लेखपालों को होने लगा है अपनी क्षमता पर शक ?

50 से 100 गाटा पड़ताल करने वाले आम लेखपाल अभी तक यही माथापच्ची कर रहे थे कि आखिर एक दिन में 500 गाटा की पड़ताल कैसे किया जा रहा है, लेकिन कमलेश ने 1201 गाटा पड़ताल कर उन सभी को हतप्रभ कर दिया है, आखिर कैसे का हिसाब लगाने वाले अंकगणित भूल गए हैं, उनका दिमाग काम करना बंद कर दिया है, अंकगड़ितीय तरीके से ऐसा पड़ताल तो संभव नहीं लग रहा है, इसलिए 12 वीं में कैलकुलस पढ़ कर आए नए लेखपालों को इस काम पर लगाया गया है।

साथियों का दावा – दैवीय सिद्धि से ही ऐसा चमत्कार संभव है।

कमलेश के जानने वालों का मानना है कि कमलेश के अंदर ऐसी दैवीय प्रतिभा छुपी हुई है, उन्हे इस बात का कतई अंदाजा नहीं था, लेकिन अब उन्हें पूर्ण विश्वास हो गया है कि कुछ तो है दया।

500 पड़ताल कर इतराने वाले पड़ताल वीरों को दिखाया आईना

पिछले दिनों 500 से 700 गाटा पड़ताल करने वाले पड़ताल वीर इतरा रहे थे कि उन्होंने अजेय रिकार्ड बना दिया है, अब उनका नाम पड़ताल करने वालों के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा, लेकिन कमलेश ने 1201 गाटा का पड़ताल कर उनके सपनों पर पानी फेर दिया।

“लेखपाल कुछ भी संभव कर सकता है” कहावत को किया चरितार्थ

लेखपालों के विषय में व्यंगात्मक रूप से कहा जाता रहा है कि लेखपाल के लिए कुछ भी असंभव नहीं है, वह नदी को पहाड़ बना सकता है, पहाड़ को खाई, मरुस्थल को जंगल मे बदल सकता है, जंगल को तालाब में, मकानों के ऊपर धान उगा सकता है, और खेतों में आलीशान महल। लेकिन इस कहावत को चरितार्थ कर ही दिया महाशय ने।

नोट यह आलेख केवल व्यंग्य स्वरूप लिखा गया है, इसे पढ़कर आहत होने की आवश्यकता नहीं है.

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