उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों का नियमन और नियंत्रण करने वाली शीर्ष संस्था राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।
क्या निर्धारित हुआ ड्रेसकोड?
राजस्व विभाग के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार से लेकर लेखपाल और अमीन के लिए एक समान ड्रेसकोड निर्धारित किया गया है, जिसमे सफेद रंग का शर्ट, नीला ब्लेजर और पैंट शामिल है। शर्ट और ब्लेजर दोनो की जेब पर राजस्व विभाग और राजस्व परिषद का लोगो भी लगाया जाना है।
स्मार्ट बनाने की है कवायद।
ड्रेस कोड के माध्यम से राजस्व परिषद राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को कॉरपोरेट जगत की भांति स्मार्ट बनाने की कवायद में है।
हर्रे लगे न फिटकरी पर रंग चोखा होय।
एक कहावत है कि “हर्रे लगे न फिटकरी पर रंग चोखा होय” जिसका आशय है कि बिना किसी खर्च के उद्देश्य की पूर्ति का प्रयास, राजस्व परिषद का लेखपालों को ड्रेसकोड के माध्यम से स्मार्ट बनाने की कवायद कुछ ऐसी ही है। लेखपाल संवर्ग द्वारा लंबे समय से अपने पदनाम परिवर्तन और योग्यता स्नातक किए जाने की मांग की जा रही है, परंतु राजस्व परिषद द्वारा लगातार इस मांग को अनसुना कर दिया गया। अब ड्रेसकोड के माध्यम से स्मार्ट बनाने की तैयारी है।
ब्लेजर पहनकर खेत खेत घूमेंगे लेखपाल।
लेखपाल का कार्य गांव देहात की जमीनों का लेखा जोखा रखने का है, जिसके लिए वे खेत खलिहान घूमते हुए फसल पड़ताल करते हैं, नाली चकमार्ग सहित अन्य भूमियो की नापजोख करते हैं। इस कार्य के दौरान लेखपाल साधारण पोशाक पहन, सर पर गमछा रखकर धूप से बचने का प्रयास करते हुए कार्य संपादित करते हैं। अब यही सारा काम ये ब्लेजर पहनकर करेंगे।
ब्लेजर पहनना व्यवहारिक है या नहीं?
लेखपाल पद के कार्यों को जानने और समझने वालों के लिए लेखपाल के ड्रेसकोड में ब्लेजर को शामिल करना हैरान करने वाला निर्णय है, लेखपाल गांव देहात के किसानों और आम लोगों से जुड़ा हुआ पद है, जो उनसे सामंजस्य बैठाने के लिए उन्ही की तरह रहन सहन और बोली भाषा का इस्तेमाल करता है। जरीब गुनिया नक्शा खसरा थामे खेतों की मेड़ों पर चलता हुआ लेखपाल ब्लेजर पहनकर स्मार्ट कम जोकर ज्यादा लगेगा। शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले और ऑफिस में बैठने वाले कर्मचारियों के लिए ब्लेजर अच्छा ड्रेसकोड हो सकता है, पर लेखपाल के लिए कदापि नहीं। लंबे समय तक आम जनता और जमीन से दूर एसी दफ्तरों में बैठने वाले बड़े बड़े अफसर ऐसे हैरतंगेज निर्णय लिया करते हैं।
Very wrong decesion
Galat decision
Good decision by Rajasva parishad. I am happy with this decision.
Very bad decision
राजस्व परिसद् का निर्णय स्वागत योग्य है, इस से एक प्रसाशनिक पहचान कायम होगा, बस हम इसके लिए वर्दी भत्ता भी मिले।