Lekhpal transfer स्थानांतरण न होने से परेशान लेखपाल ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र।
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गाजीपुर की सैदपुर तहसील में तैनात लेखपाल रत्नेश कुमार ने lekhpal transfer न होने की वजह से परेशान होकर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा बयान की है।लेखपाल रत्नेश कुमार मूल रूप से जनपद कन्नौज के रहने वाले हैं, जिनकी तैनाती लेखपाल भर्ती 2016 में जनपद गाजीपुर में हुई। तब से रत्नेश अपने गृह जिले से 800 किलोमीटर दूर नौकरी कर रहे हैं।
वर्ष 2018 में जारी हो चुका है lekhpal transfer का शासनादेश
बताते चलें कि वर्ष 2018 में लेखपाल संघ के आंदोलन के उपरांत माननीय मुख्यमंत्री जी के ही निर्देश पर ही लेखपाल गण के अंतरमंडलीय स्थानांतरण हेतु मई 2018 में शासनादेश जारी किया गया था। जिसमें प्रावधान किया गया था कि किसी भी लेखपाल का पूरे सेवा काल में एक बार अपने गृह मंडल में गृह जनपद को छोड़कर अन्य किसी जनपद में स्थानांतरण किया जा सकेगा।
राजस्व परिषद द्वारा दो बार किया जा चुका है lekhpal transfer
उक्त शासनादेश के क्रम में परिषद द्वारा वर्ष 2019 में दो बार अंतरमंडलीय स्थानान्तरण किया जा चुका है। जिससे लगभग 2000 लेखपाल अपने गृह मंडल में स्थानांतरण का लाभ पा चुके हैं l
Pअब राजस्व परिषद ने ही लगा दिया lekhpal transfer में अड़ंगा।
राजस्व परिषद में दो बार ट्रांसफर करने के बाद अब यह कहकर अड़ंगा लगा दिया कि जब तक लेखपाल सेवा नियमावली में संशोधन कर अंतरमंडलीय स्थानांतरण का प्रावधान lekhpal transfer हेतु जोड़ नहीं दिया जाता, तब तक कोई अंतरमंडलीय lekhpal transfer नहीं किया जाएगा।
परिषद के इस रवैए से आहत हैं लेखपाल रत्नेश
राजस्व परिषद पर मनमानी रूप से lekhpal transfer में अड़ंगा लगाए जाने से लेखपाल रत्नेश आहत हैं उन्होंने पत्र के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की है। उनका आरोप है कि राजस्व परिषद द्वारा जिस शासनादेश के क्रम में दो बार स्थानान्तरण किया गया अब उसी में मनमानी रूप से अड़ंगा लगा दिया l
मुख्यमंत्री जी के जनता दर्शन में भी दे चुके हैं प्रार्थनापत्र
लेखपाल रत्नेश ने अपने पत्र में लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी के जनता दर्शन में भी उपस्थित होकर कई बार प्रार्थनापत्र दे चुके हैं, परंतु फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
आहत होकर मुख्यमंत्री जी को नौकरी वापस करने की लिखी बात
लेखपाल रत्नेश स्थानांतरण न होने से इतने परेशान हो गए हैं कि उन्होंने अपनी नौकरी माननीय मुख्यमंत्री जी को वापस किए जाने की बात अपने पत्र में लिखी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने परिवार से दूर रहने के कारण मानसिक रूप से कितने परेशान हैंl
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